
महाकुंभ के दौरान दिल्ली से आ रही फ्लाइट्स के 12 गुना महंगे होने की खबर चर्चा में है। यह स्थिति महाकुंभ के समय विशेष रूप से यात्रियों के लिए समस्या उत्पन्न कर रही है, क्योंकि धार्मिक आयोजनों और मेलों के कारण भारी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक इन फ्लाइट्स के जरिए यात्रा करते हैं।

कारण:
अत्यधिक मांग: महाकुंभ के दौरान यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि होती है, जिससे फ्लाइट्स की मांग बढ़ जाती है। जब यात्रियों की मांग ज्यादा होती है और सीटों की संख्या सीमित होती है, तो एयरलाइंस कंपनियाँ टिकट की कीमतें बढ़ा देती हैं।
कृत्रिम संकट: कुछ एयरलाइंस कंपनियाँ इस स्थिति का फायदा उठाती हैं और कीमतों को मनमाने तरीके से बढ़ा देती हैं, ताकि वे अधिक मुनाफा कमा सकें। यह कीमतों में अत्यधिक वृद्धि का एक कारण हो सकता है।
- यात्रियों की बढ़ी हुई संख्या: महाकुंभ एक बहुत बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें लाखों लोग हिस्सा लेने आते हैं। इसकी वजह से दिल्ली से इलाहाबाद (प्रयागराज) या अन्य स्थानों के लिए फ्लाइट्स की अधिक मांग होती है, जिसके चलते दरें बढ़ जाती हैं।
इस तरह की स्थिति में, फ्लाइट्स का टिकट बहुत महंगा हो जाता है, और यह सामान्य यात्रियों के लिए एक आर्थिक बोझ बन सकता है। इसके अलावा, यह समस्या खासतौर पर उन यात्रियों के लिए और भी गंभीर हो जाती है, जिनकी यात्रा आकस्मिक होती है और उन्हें टिकट जल्द से जल्द बुक करना होता है।

समाधान:
इस मुद्दे का हल केवल एयरलाइंस कंपनियों की नीति पर निर्भर करता है, लेकिन सरकार भी इस पर ध्यान दे सकती है ताकि यात्रियों को उचित और सुलभ कीमत पर यात्रा करने का अवसर मिले, विशेष रूप से धार्मिक आयोजनों के दौरान।