लोकसभा, राज्य सभा या विधान सभा क्या है

भारत में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा सभी विधायी निकाय हैं, लेकिन वे विभिन्न स्तरों पर कार्य करते हैं और उनकी अलग-अलग भूमिकाएँ होती हैं:

लोकसभा (लोगों का सदन):

यह भारत की संसद का निचला सदन है।

इसमें संसद सदस्य (सांसद) शामिल होते हैं जो भारत के लोगों द्वारा सीधे आम चुनावों के माध्यम से चुने जाते हैं, जो हर 5 साल में होते हैं।

लोकसभा कानून बनाने, सरकार के वित्त को नियंत्रित करने (बजट अनुमोदन के माध्यम से) और लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जिम्मेदार है।

अध्यक्ष लोकसभा का प्रमुख होता है।

राज्यसभा (राज्यों की परिषद):

यह भारत की संसद का ऊपरी सदन है।

इसके सदस्य सीधे जनता द्वारा नहीं चुने जाते बल्कि राज्य विधान सभाओं के सदस्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।

राज्यसभा भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करती है।

राज्यसभा का सभापति भारत का उपराष्ट्रपति होता है।

लोकसभा द्वारा प्रस्तावित कानून की समीक्षा, संशोधन या विलंब करने में राज्यसभा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

विधान सभा (विधान सभा):

विधान सभा भारत में राज्य विधानमंडल का निचला सदन है

यह राज्य स्तर पर लोकसभा के समतुल्य है।

विधान सभा के सदस्यों (विधायकों) को हर 5 साल में होने वाले चुनावों के माध्यम से राज्य के लोगों द्वारा सीधे चुना जाता है।

विधानसभा संबंधित राज्य के लिए कानून बनाने और राज्य-स्तरीय वित्तीय मामलों को संभालने के लिए जिम्मेदार है।

अध्यक्ष विधान सभा का प्रमुख होता है।

सारांश:

लोकसभा: राष्ट्रीय स्तर (संसद)।

राज्यसभा: राष्ट्रीय स्तर (संसद)।

विधान सभा: राज्य स्तर (विधानमंडल)।

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